RITISH YADAV

Friday, February 25, 2011

अरस्तु by Ranjeet yadav


अरस्तु (384 ईपू – 322 ईपू) यूनानी दार्शनिक थे। वे प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे। उनका जन्म स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ थे. अरस्तु ने भौतिकीआध्यात्मकवितानाटक,संगीततर्कशास्त्रराजनीति शास्त्रनीतिशास्त्रजीव विज्ञान सहित कई विषयों पर रचना की.
प्लेटोसुकरात और अरस्तु पश्चिमी दर्शनशास्त्र के सबसे महान दार्शनिकों में एक थे. उन्होंने पश्चिमी दर्शनशास्त्र पर पहली व्यापक रचना की, जिसमें नीति, तर्क, विज्ञान, राजनीति और आध्यात्म का मेलजोल था. भौतिक विज्ञान पर अरस्तु के विचार ने मध्ययुगीन शिक्षा पर व्यापक प्रभाव डाला और इसका प्रभाव पुनर्जागरण पर भी पड़ा. अंतिम रूप से न्यूटन के भौतिकवाद ने इसकी जगह ले लिया. जीवविज्ञान उनके कुछ संकल्पनाओं की पुष्टि उन्नीसवीं सदी में हुई. उनके तर्कशास्त्र आज भी प्रासांगिक हैं. उनकी आध्यात्मिक रचनाओं ने मध्ययुग में इस्लामिक और यहूदी विचारधारा को प्रभावित किया और वे आज भी क्रिश्चियन, खासकर रोमन कैथोलिक चर्च को प्रभावित कर रही हैं. उनके दर्शन आज भी उच्च कक्षाओं में पढ़ाए जाते हैं. अरस्तु ने बहुतेरे रचानाएं की थी, जिसमें कई नष्ट हो गई.

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